South Asian University: साउथ एशियन यूनिवर्सिटी जिसको की दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय के भी नाम से जाना जाता है जो नई दिल्ली में स्थित एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की संस्थान है जिसमें दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन अर्थात साउथ एशियन एसोसिएशन रीजनल कोऑपरेशन के सदस्य देशों द्वारा इसे स्थापित किया गया था
इस साउथ एशियन यूनिवर्सिटी का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग को अधिक से अधिक बढ़ावा देना है और उच्च गुणवत्ता के शिक्षा प्रदान करना है।
इस यूनिवर्सिटी में कई देशों अर्थात सार्क देशों के विद्यार्थी पढ़ते हैं जिसके वजह से इस यूनिवर्सिटी में हमेशा बहू क्षेत्रीय प्रभाव देखने को मिलता है परंतु हाल ही के वर्षों में संस्थान सिर्फ अकादमी उपलब्धियां के लिए नहीं बल्कि कुछ विवाद एवं प्रशासनिक मुद्दों के कारण भी चर्चा में बना हुआ रहता है।
South Asian University की विशेषताएं
साउथ एशियन यूनिवर्सिटी की स्थापना सन 2010 में किया गया था जिसके सदस्य देश भारत पाकिस्तान बांग्लादेश नेपाल श्रीलंका भूटान अफगानिस्तान और मालदीव है अर्थात इन्हीं देशों के सहयोग से इस विश्वविद्यालय की स्थापना नई दिल्ली में 2010 में की गई थी।
इस विश्वविद्यालय में मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय संबंध अर्थशास्त्र कानून कंप्यूटर विज्ञान एवं समाजशास्त्र जैसे महत्वपूर्ण विषयों का पठन-पाठन किया जाता है और इन्हीं के डिग्रियों से पूरा सार्क देश में विद्यार्थियों का आवागमन बना रहता है। इस विश्वविद्यालय में कर के सभी देशों के छात्रों का पठन-पाठन होता है इस वजह से यह एक बहुत सांस्कृतिक वातावरण का केंद्र भी है अर्थात इस विश्वविद्यालय में अलग-अलग देशों के सांस्कृतिक वातावरण को देखने को मिलता है।
South Asian University हाल ही में घाटी घटनाएं एवं विवाद एवं राजीव कुमार का निलंबन
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि यहां पर सा देश के विभिन्न छात्रों का पठन-पाठन होता है जिस कारण से यहां पर बहुत सांस्कृतिक वातावरण बना रहता है जिसकी वजह से 2023 में विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ राजीव कुमार को छात्रों के समर्थन में बोलने के कारण एवं प्रशासन की विभिन्न गतिविधियों का आलोचना करने की वजह से उन्हें निलंबित कर दिया गया।

इस प्रकार इतने वरिष्ठ एवं ज्ञान से परिपूर्ण प्रोफेसर का निलंबन सभी छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों के बीच का संतोष का कारण बन बैठा और इस कारण छात्र संगठनों ने इसका अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बात कर इसका विरोध प्रदर्शन किया है और विश्वविद्यालय के प्रशासन को भी खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए हमेशा आगे खड़े रहे हैं।
South Asian University छात्र आंदोलन एवं परिसर में भूख हड़ताल
वरिष्ठ प्रोफेसर राजीव कुमार के निलंबन के पश्चात उनके विरोध में छात्रों ने कई दिनों तक परिसर में ही भूख हड़ताल की जिसके वजह से उन्होंने अपने मांग की की प्रोफेसर को जल्द से जल्द बाहर किया जाए और विश्वविद्यालय में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत किया जाए। यह आंदोलन इतना प्रभावित था कि इस सोशल मीडिया पर भी व्यापक समर्थन मिला है जिससे यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया और भारत में इसके विभिन्न यूनिवर्सिटी में चर्चाएं शुरू हो गई।
South Asian University प्रशासनिक पारदर्शिता पर सवाल
छात्र 17 एवं शिक्षकों का विश्वविद्यालय प्रशासन पर सवाल उठाने उसकी प्रदर्शित के कमी को इंगित करता है और मनमानी का आरोप लगाया करता है कई बार निर्माण बिना किसी परामर्श के ही कर दिए जाते हैं जिसे संस्थान के भीतर विश्वास की कमी सभी छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों में महसूस की जाती है।
South Asian University वर्तमान समय में विश्वविद्यालय द्वारा उठाया गया कदम
South Asian University में छात्र-छात्राओं द्वारा एवं शिक्षकों का हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए विश्वविद्यालय ने एक सुधार आत्मक कदम उठाया है जिसका बिंदु भर वर्णन निम्नलिखित दिया गया है।
- छात्रों के आंदोलन के पश्चात प्रशासन द्वारा एक स्वतंत्र जांच समिति का गठन किया गया है जो प्रोफेसर के निलंबन मामले की समीक्षा करेगी।
- छात्रों के साथ संवाद बढ़ाने के लिए एक नया ग्रीवेंस रिड्रेसल मेकैनिज्म का शुरुआत की गई है ताकि यूनिवर्सिटी और छात्र-छात्राओं के बीच स्मूथ कम्युनिकेशन हो सके इसके अतिरिक्त प्रशासनिक निर्णय में प्रदर्शित लाने के लिए नई नीतियां बनाई जा रही हैं।
निष्कर्ष
South Asian University एक ऐसा अनोखा संस्थान है जो क्षेत्रीय सहयोग से बना है जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक के विद्रोह का बढ़ावा देने वाले छात्र-छात्राओं का आगमन होता रहता है जिससे इसमें बहुत ही व्यापकपरिवर्तन देखने को मिलता है। विविध सांस्कृतिक केंद्र वाले इस यूनिवर्सिटी में अगर सभी छात्र-छात्राओं एवं शिक्षक के अलावा प्रशासन के बीच भी अगर सामान्य से स्थापित हो जाता है तो यह एक अद्वितीय यूनिवर्सिटी के रूप में देखने को मिल सकता है।
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